किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सरकार अब किसानों को सिंचाई के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के तहत सोलर पंप और बोरिंग पर 80% तक सब्सिडी दे रही है। इस योजना का मकसद किसानों को बिजली खर्च से राहत देना, खेती की लागत घटाना और सिंचाई को पूरी तरह सोलर आधारित बनाना है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में खेती करने वाले कृषक बिना बिजली या डीजल के भी खेतों में पानी की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।
क्या है सोलर पंप सब्सिडी योजना
सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना किसानों को सोलर पंप इंस्टॉल करवाने पर भारी सब्सिडी प्रदान करती है। पहले जहां किसान डीज़ल और बिजली पर निर्भर रहते थे, वहीं अब सोलर पंप से मुफ्त में सिंचाई की जा सकती है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 80% तक सब्सिडी दे रही हैं, जिससे किसानों को सिर्फ 20% लागत वहन करनी होगी।
किन किसानों को मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ मुख्य रूप से छोटे, सीमांत, मध्यम और बड़े सभी कैटेगरी के किसानों को मिलेगा। जिन इलाकों में बिजली की उपलब्धता कम है या लगातार बिजली कटौती होती है, वहां यह योजना अधिक प्रभावी साबित होगी। पात्र किसान अपने खेत में सोलर पंप लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं और तय शर्तें पूरी होने पर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
कितनी क्षमता वाले सोलर पंप लगाए जा सकते हैं
योजना के तहत किसान अपनी जरूरत के अनुसार 2 HP से लेकर 10 HP तक के सोलर पंप इंस्टॉल करवा सकते हैं। छोटे किसानों के लिए 2 से 3 HP के सोलर पंप काफी लाभकारी रहते हैं, जबकि जिन्हें बड़े स्तर पर सिंचाई करनी होती है, वे 5 HP या 10 HP क्षमता वाले पंप के लिए आवेदन कर सकते हैं। पंप की क्षमता के आधार पर सब्सिडी का प्रतिशत तय किया गया है।
आवेदन प्रक्रिया क्या है
सरकार ने आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया है। किसान अपने राज्य की ऊर्जा विभाग या कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन में आधार कार्ड, जमीन से जुड़े दस्तावेज, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर जैसी बुनियादी जानकारी देनी होती है। आवेदन स्वीकृत होने के बाद लाभार्थी का नाम सूची में शामिल किया जाता है।
किसानों को क्या होगा फायदा
सोलर पंप लगने से किसानों को दीर्घकालिक फायदा मिलेगा। डीजल और बिजली पर होने वाला खर्च खत्म हो जाएगा और उनका खेत सालभर सिंचाई से हरा-भरा रहेगा। इसके अलावा, सोलर पंप से पर्यावरण को नुकसान नहीं होता और लंबे समय तक इसका रखरखाव भी आसान होता है। किसान फसलों की उपज बढ़ा पाएंगे और आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे।
Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से है। योजना से जुड़ी पात्रता, सब्सिडी की दर और आवेदन प्रक्रिया राज्य के अनुसार अलग हो सकती है। आवेदन करने से पहले अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर नवीनतम दिशा-निर्देश अवश्य जांच लें।
