देश में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को बेहतर जीवन, शिक्षा और देखभाल उपलब्ध कराने के लिए सरकार लगातार योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक है पालनहार योजना, जिसके तहत योग्य बच्चों को हर महीने आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। वर्ष 2025 में इस योजना में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिसके बाद अब 0 से 18 वर्ष तक के पात्र बच्चों को प्रति माह ₹2500 की सहायता मिल सकेगी। यदि परिवार इस योजना का लाभ उठाना चाहता है, तो उन्हें तय प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा।
क्या है पालनहार योजना
पालनहार योजना का उद्देश्य उन बच्चों की मदद करना है जिनके माता-पिता नहीं हैं या किसी कारणवश उनकी परवरिश नहीं कर पा रहे हैं। इस योजना के तहत ऐसे बच्चों को परिवार या रिश्तेदार की देखरेख में सुरक्षित पालन-पोषण दिया जाता है। सरकार इन बच्चों की पढ़ाई, पोषण और दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है ताकि वे किसी भी तरह से पिछड़ें नहीं।
कितना मिलता है आर्थिक लाभ
नए अपडेट के अनुसार 0 से 18 वर्ष तक के पात्र बच्चों को प्रति माह ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि सीधे पालनहार यानी वह व्यक्ति जो बच्चे की देखभाल कर रहा है, के बैंक खाते में भेजी जाती है। योजना का लाभ बच्चे के 18 वर्ष की आयु पूरी होने तक मिलता रहेगा, ताकि उसकी शिक्षा और देखभाल बिना बाधा जारी रहे।
कौन कर सकता है आवेदन
इस योजना का लाभ अनाथ बच्चों, विधवा या तलाकशुदा महिला के बच्चों, माता-पिता से अलग या विकलांग माता-पिता वाले बच्चों को दिया जाता है। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होनी चाहिए और बच्चा भारत का निवासी होना जरूरी है। साथ ही, बच्चे को सरकारी या मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ाई करनी चाहिए। पालनहार को भी यह प्रमाणित करना होता है कि बच्चा उसके संरक्षण में सुरक्षित है।
ऐसे करें आवेदन
पालनहार योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से किया जा सकता है। आवेदन करते समय बच्चे की जन्मतिथि का प्रमाण, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, आधार कार्ड और पालनहार का विवरण जमा करना आवश्यक होता है। आवेदन जांच के बाद स्वीकृति मिलते ही मासिक राशि बैंक खाते में ट्रांसफर होना शुरू हो जाती है। कई राज्यों ने इसके लिए पोर्टल और हेल्पलाइन भी जारी किए हैं, जहां से योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
कब मिलना शुरू होगा पैसा
आवेदन स्वीकृत होने के बाद अगले चक्र से बच्चों के खाते में नियमित रूप से सहायता राशि भेजना शुरू कर दिया जाता है। सरकार की ओर से समय-समय पर लाभार्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी कराया जाता है, ताकि केवल पात्र बच्चों को ही लाभ मिलता रहे।
Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से है। योजना से जुड़े नियम, राशि और पात्रता राज्य सरकारों के अनुसार भिन्न हो सकती है। किसी भी आवेदन से पहले अपने राज्य की आधिकारिक वेबसाइट या विभाग द्वारा जारी नवीनतम निर्देश अवश्य जांच लें, क्योंकि सरकार समय-समय पर नियमों में बदलाव कर सकती है।
